मुसीबत आ पड़ी तो किससे करोगे मदद की आस। मुसीबत आ पड़ी तो किससे करोगे मदद की आस।
न पैदा होती मैं बेटी बनकर, न लिखी गयी होती यह दास्ताँ| हार गयी आज तेरी निर्भया ओ माँ, मिट गया ते... न पैदा होती मैं बेटी बनकर, न लिखी गयी होती यह दास्ताँ| हार गयी आज तेरी निर्भय...
वर्तमान में चिडिया लुप्त हो रही हैं वर्तमान में चिडिया लुप्त हो रही हैं
मेरी गोद में बेफिक्री से उसका सो जाना आँख खुले तो मुझे देखकर कभी मुस्कुरा देना मेरी गोद में बेफिक्री से उसका सो जाना आँख खुले तो मुझे देखकर कभी मुस्कुरा देना
नारी तन को वस्तु समझते, कुत्सित मन के वश में होकर, पुरुषत्व दिखा कोमल स्त्री पर, रख दी सारी प्रकृति ... नारी तन को वस्तु समझते, कुत्सित मन के वश में होकर, पुरुषत्व दिखा कोमल स्त्री पर,...
मैं सुकोमल देह सी हूँ प्रिय प्रकृति के नेह सी हूँ तन समर्पित मन समर्पित प्रीत के रंग में ढली हूँ... मैं सुकोमल देह सी हूँ प्रिय प्रकृति के नेह सी हूँ तन समर्पित मन समर्पित प्री...